नीम की ठंडी छाओ में साई जी के गांव में,
भीड़ है भारी खो न जाओ डर लागे है अकेले में,
मुझे लेके चलो न साई जी के मेले में,
चाहे गद्दी घोडा लाओ या आके ले जाओ ठेले में,
मुझे लेके चलो न साई जी के मेले में,
साई नगरियां बड़ी सुहानी जिस की दुनिया है रे दीवानी ,
साँचा दर है साँचा नाम है कहते है ग्यानी ध्यानी,
पावन माटी माथ लगाओ जीवन अपना धन्य बनाओ,
कही गाडी छूट न जाए माये के झमेले में ,
मुझे लेके चलो न साई जी के मेले में,
कहते है सब साई के दर से जाता नहीं कोई खाली,
जिसने पुकारा सच्चे मन से साई ने बात न टाली
रेहमत की बरसात है होती पानी से जलती है ज्योति,
कही मैं खो न जाऊ दुनिया के खेमे में,
मुझे लेके चलो न साई जी के मेले में,
In Sai ji’s village under the cool shade of neem,
The crowd is heavy, don’t get lost, you are afraid to be alone,
Take me or not to Sai ji’s fair,
Whether bring a gaddi horse or come and take it in a cart,
Take me or not to Sai ji’s fair,
Sai cities are very pleasant whose world is crazy,
The mold rate is the name of the mold, it is said that Gyani Dhyani,
Apply your forehead to the holy soil, make your life blessed,
Do not leave the car somewhere in the mess of Maya,
Take me or not to Sai ji’s fair,
It is said that everything goes at the rate of psi, no one is empty,
Sai who called with a true heart did not stop talking
It is raining Rehmat, the flame burns with water,
Somewhere I do not get lost in the ranks of the world,
Take me or not to Sai ji’s fair,