नाम तुम्हारा नाथ दयालु मैं इक दीं भिखारी हु
तुम तो चतुर खिलाड़ी भगवन मैं इक जीव अनाडी हु
मेरे जैसे लाखो तुम को मेरे केवल इक तुही
तुम तो हो संसार के मालिक मैं निर्बल संसारी हु
मैंने ज्योत जाई तुम्हरी मैने तुम्हारा नाम लिया
वो भी केवल स्वार्थ के वश ऐसा मैं व्यपारी हु
नाम तुम्हारा नाथ दयालु मैं इक दीं भिखारी हु
खीच रहे है व्यसन मुझको रेन दी वस् अपनी ही और
मैं भी उनके वश में हु प्रभु पापी हु तू विचारी हु
लाखो वेचारो को तूने ही अपना दिया सहारा है
मुझको भी अपनाओ प्रभु जी मैं भी भगत वेचारा हु
नाम तुम्हारा नाथ दयालु मैं इक दीं भिखारी हु
Naam Tumara Nath Dayalu I am a beggar
You are a clever player, God I am a clumsy creature
My only tuhi to millions of you like me
You are the master of the world, I am a weak worldly
I went to the flame, I took your name
That too only because of selfishness I am such a businessman
Naam Tumara Nath Dayalu I am a beggar
The addiction is pulling me rained down on my own
I am also under his control, Lord, I am a sinner, you are a thinker.
You have given your support to millions of people
Follow me too Lord ji I am also Bhagat Vechara
Naam Tumara Nath Dayalu I am a beggar