नैया चलाती हु मैं बिगड़ी बनाती हु,
अपने भगतो का मैं बेडा पार लगाती हु,
शरण जो मेरी आ कर के भरोसा जो मुझपर है करता,
भगत्त जो है मेरा होता मेरी नजरो में वो रहता,
नैया चलाती हु मैं बिगड़ी बनाती हु,
अपने भगतो का मैं बेडा पार लगाती हु,
अगर तूफ़ान आता है नाव हिचकोले खाती है,
नाव डुभे भला कैसे चुनर मेरी लहराती है,
नैया चलाती हु मैं बिगड़ी बनाती हु,
अपने भगतो का मैं बेडा पार लगाती हु,
रखता हु ध्यान मैं इतना भगत तो सोता रहता है,
भगत कुछ भी नहीं करता काम सब होता रहता है,
नैया चलाती हु मैं बिगड़ी बनाती हु,
अपने भगतो का मैं बेडा पार लगाती हु,
यही ईशा है बनवारी यही दरबर में बैठु,
भगत की नाव में बैठु भगत के साथ में बैठु,
नैया चलाती हु मैं बिगड़ी बनाती हु,
अपने भगतो का मैं बेडा पार लगाती हु,
I drive the boat, I make it bad,
I fly the boat of my devotees across,
The refuge who comes to me and trusts in me,
Bhagat who is mine would have remained in my eyes,
I drive the boat, I make it bad,
I fly the boat of my devotees across,
If a storm comes, the boat hesitates,
How does the boat sink, how does my chunar wave,
I drive the boat, I make it bad,
I fly the boat of my devotees across,
I keep in mind that so much Bhagat keeps on sleeping,
Bhagat doesn’t do anything, everything keeps happening.
I drive the boat, I make it bad,
I fly the boat of my devotees across,
This is Isha, Banwari, sit in this court.
Sit in Bhagat’s boat, sit with Bhagat,
I drive the boat, I make a mess,
I fly the boat of my devotees across,