ओ कान्हा प्यारे हो जब से छोड़ गए गोकुल
ना बोली भागो में बुलबुल ये गोकुल तुझ बिन है व्याकुल
ओ कान्हा प्यारे हो जब से छोड़ गए गोकुल
तुझ बिन सुनी हो गई गलियां सुना है यमुना किनारा
हो सुना सुना है सावन सुना सुना घर आंगन
मिलने आजा कभी पल दो पल
ओ कान्हा प्यारे हो जब से छोड़ गए गोकुल
तेरे विरहे में तडप रही है बरसाने की राधा रानी
जो आये वैरन ये होली ना निकले घर से कोई टोली
माँ यशोदा का रोये आँचल
ओ कान्हा प्यारे हो जब से छोड़ गए गोकुल
आजा तू फिर से ओ रे कन्हाई
चीर हमारी चुराने
हो आके फोड़ मेरी मटकी माखन दूध और गगरी
कभी सपने में ही आके मिल
ओ कान्हा प्यारे हो जब से छोड़ गए गोकुल
Oh dear, ever since Gokul left
Don’t speak Bulbul, Ye Gokul, Tujh bin is troubled.
Oh dear, ever since Gokul left
You have listened to the streets, heard the banks of Yamuna
Ho, hear, hear, sawan, hear, hear, house, courtyard
Aaj ko meet kabhi pal two moment
Oh dear, ever since Gokul left
Radha Rani of Barsana is yearning in your separation
Those who come, but this Holi does not come out, no group from home
Mother Yashoda cried Aanchal
Oh dear, ever since Gokul left
Aaja tu phir se o re kanhai
rip our stole
Ho come and break my pot with milk and milk
never come in a dream
Oh dear, ever since Gokul left