तर्ज– बहुत प्यार करते है,
ओ रे कन्हैया पडू तोरी पैयां
नाजा नाजा नाजा तू मथुरा,
माँखन की मटकी अब कौन उतारे
मुरली बजाके कौन नाम पुकारे
कैसे रहेंगे तुझ बिन रास के रचैया,
ओ रे कन्हैया.
नंद बाबा दुख कैसे सहेंगे
दुख अपने दिल की कैसे कहेंगे
कैसे रहेगी तुझबिन यशोदा मैया
ओ रे कन्हैया,,,,,,,,,,,
गोपी बिरह तेरा कैसे सहेंगी
तेरे बिना श्याम अब कैसे रहेंगी
कौन घेरी लाये मोरी प्यारी प्यारी गैया,
ओ रे कन्हैया…..
प्यासा का प्यार कान्हा भुला तो न दोगे,
मथुरा जाकर दगा तो न दोगे,
कोई नही है तुझबिन लाज का रखैया
ओ रे कन्हैया……..
H K J PYASA
हेमकांत झा प्यासा
Tarang – love so much,
oh re kanhaiya padu tori paiyan
Naja naja naja tu Mathura,
Who brings down the pot of Makhan now?
Who calls the name playing the murli
How will you live without Raas,
Oh hey Kanhaiya.
how will nand baba bear sorrow
how to say sorrow of your heart
How will Tujhbin Yashoda Maiya be
Hey Kanhaiya,,,,,,
How will you tolerate gopi birah?
How will Shyam live without you now?
Who brought the circle, dear beloved Gaia,
Oh hey Kanhaiya…..
If you forget Kanha’s love for the thirsty, then you will not give it,
If you go to Mathura and rob you, you will not give,
no one is tujhbin laj ka rakhiya
Hey Kanhaiya………
H K J PYASA
Hemkant Jha Pyaasa