पिजरें में बैठा सोचता है

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पिजरें में बैठा सोचता है पंक्षी फूलों का मोसम तो बीत गया हो गया
ये दुनिया तो तूने दिखा दी विधाता अगला जन्म जाने केसा होगा

पांच तत्व का रब ने पिजरा बनाया
चिराज आसमानी इसमें जलाया
पिजरे में बैठा सोचता है पछीं फूलों का मौसम बीत गया होगा
ये दुनिया तो तूने……

मुझमें ही कांटे थे तुझ में तो नमी थी
शीतल था चाँद मेरी आखों में कमी थी
पिजरें में बैठा सोचता है पछीं फूलों का मौसम तो बीत गया होगा
ये दुनिया तो तूने ……

हवाओं की टहनी पर में फूल की तरहा था
तू था दरियाब में बहता तिनका था
पिजरें में बैठा सोचता है पछीं फूलों का मौसम तो बीत गया होगा
ये दुनिया तो तूने दिखा दी ………………..

में वो सियाह रात हूँ जो चाँद से नाराज है
लोग कहतें है कि तू बंदा नवाज है
पिजरें में बैठा सोचता है पछीं फूलों का मौसम तो बीत गया होगा
ये दुनिया तो तूने ………..

सोचा बहुत मैंने आखों को मीच
उचों में उच तुम मैं  नीचों में नीच
पिजरे में बैठा सोचता है पछीं

The bird sitting in the cage thinks that the season of flowers is over
You have shown this world how the creator will be known in the next birth

The Lord made a cage of five elements
Chiraj lit in the sky
Sitting in the cage thinks that the bird’s flower season must have passed
This world is you……

I had thorns, you had moisture in me
It was cold, the moon was lacking in my eyes
Sitting in the cage thinks that the season of birds must have passed
This world is you

I was like a flower on the branch of the wind
You were a straw in the river
Sitting in the cage thinks that the season of birds must have passed
You have shown this world………

I am the dark night who is angry with the moon
People say that you are Banda Nawaz
Sitting in the cage thinks that the season of birds must have passed
This world is you………..

Thought a lot I lost my eyes
I am low in the top
sitting in a cage thinks bird

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