पीवजी मन मत करजो उदास ,
सदा तुम हासी न रहजो जी ।
म्हारा मन म खुशी की बड़ी आस ,
सदा तुम हासी न रहजो जी ।
सूरत तुम्हारी दूर बस म्हारा पिवजी ,
न मुरती छे म्हारा पास
मन मंदिर में दीपक जलता ,
वामे करजो वास
सदा तुम हासी न रहजो ज
सुदामा घर का तांदूल खाया ,
न खाया भिलनी का बेर
विदुर घर की साग खाई
राखी अबला की टेर
सदा तुम हांसी न रहजो जी
कामधेनु की लेण ख परीक्षा
वन म बणी गया शेर
पावन कुंड म अमरीत बणीगा
उतारयो भीम को जहर
सदा तुम हांसी न रह जो जी
Do not mind Pivji, who is sad,
You don’t always laugh.
There is a great hope of happiness in my heart,
You don’t always laugh.
Surat is far away from you.
Na murti chhe mahara pass
The lamp burns in the Mana Mandir,
waam karjo vas
Don’t you always laugh
Sudama ate the tandul of the house,
don’t eat bhilni jujube
Vidur ate the greens of the house
Rakhi Abla Ki Ter
Don’t you always laugh
Level B exam of Kamdhenu
lion in forest
Amrit Baniga in the holy pool
Take off the poison to Bhima
You don’t always laugh