प्रभु के भजन में है कैसी शर्म,
मिला दे गा प्रभु से ये प्रभु का भजन,
प्रभु के भजन में है कैसी शर्म,
शर्म छोड़ मीरा ने लिया है इक तारा,
द्रोपती ने छोड़ लजा प्रभु को पुकारा,
बड़ा ही दयालु है लेले शरण,
प्रभु के भजन में है कैसी शर्म,
गणिका अजामिल को जिसने है तारा,
प्रह्लाद ध्रव को है जिसने है उबारा,
मिले गा तुझे भी वो लगाने लगन,
प्रभु के भजन में है कैसी शर्म
नरसी तुकाराम भी थे ग्रहहस्ती चिंता न घर की न संसार की थी,
परेशानी प्रभु को थी होते मगन,
प्रभु के भजन में है कैसी शर्म
प्रभु के भजन की है महिमा निराली,
बिना नाम जपके सब गए हाथ खाली,
नवरंग दुनिया ये झूठा ब्रम्ह ,
प्रभु के भजन में है कैसी शर्म
What shame is there in the hymn of the Lord,
Mix it up with the Lord, this Lord’s hymn,
What shame is there in the hymn of the Lord,
Leaving shame, Meera has taken a star,
Draupati left and called upon the Lord,
Very merciful Lele Sharan,
What shame is there in the hymn of the Lord,
The courtesan Ajamil has the star,
Prahlad is the one who has rescued Dhrva,
You will also get that passion to apply,
What shame is there in the hymn of the Lord
Narsi Tukaram was also a planetary concern neither about the house nor of the world,
The trouble was with the Lord,
What shame is there in the hymn of the Lord
The glory of the hymn of the Lord is unique,
Without chanting all hands went empty,
Navrang world, this false Brahman,
What shame is there in the hymn of the Lord