मिलने को जब जब भी जी ललचाता है,
प्रेम तुम्हारा हमको खाटू खींच लाता है,
खाटू के गांव की वो तंग गलियां,
बाबा के गांव की फूलो की भगियां,
खाटू की माटी की खुशबू सुहानी,
बाबा की कुण्डी का वो निर्मल पानी,
मन का मैल नहाने से सब धूल जाता है,
प्रेम तुम्हारा हम को खाटू खींच लाता है,
खाटू में जाते हम टी अकेले मिलते वहा है खुशियों के मेले,
बाबा की प्रेमियों का ऐसा परिवार है भक्तो में प्रेम का भटता उपकार है,
रह रह के ख्यालो में जब ये आता है,
प्रेम तुम्हारा हमको खाटू खींच लाता है,
ऐसा क्या जादू तुमने चलाया मोहित को अपना तुमने बनाया,
आँखों से अश्क का बेहता सैलाब है तुम हार याद में दिल ये बेताब है,
ऐसा क्यों होता है समज ना आता है,
प्रेम तुम्हारा हम को खाटू खींच लाता है,
Whenever I feel tempted to meet,
Your love pulls us apart,
Those narrow streets of Khatu’s village,
Sisters of flowers of Baba’s village,
The fragrance of Khatu’s soil is pleasant,
That pure water of Baba’s Kundi,
Bathing the filth of the mind washes away all the dust,
Your love pulls us apart,
When we go to Khatu, we t meet alone, there is a fair of happiness,
Baba has such a family of lovers;
Stay in my thoughts when it comes,
Your love pulls us apart,
What kind of magic did you play, you made Mohit your own,
There is a lot of tears in the eyes, this heart is desperate in remembering you defeat,
I don’t understand why this happens
Your love pulls us apart,