रात श्याम मेरे सपने में आया कैसे केहदु की आया नहीं है,
उसने मुजको गल्ले से लगाया कैसे कह दू लगाया नहीं है,
सिर पर उसके था मोर मुकट प्यारा,
हार था मोतियों का गल्ले में,
काली अखियो में कजरा लगाया,
कैसे कह्दु लगाया नही है,
रात श्याम मेरे……
हाथ में उनके थी बांसुरी वो मोहनी जिसके स्वर में छुपी है,
जिसने सारे जगत को नचाया कैसे कह्दु के नचाया नही है,
रात श्याम मेरे………………
पास में मेरे आ कर के बेठा मुस्कारते हुए मनमोहन जब,
अपने हाथो से माखन खिलाया कैसे कह दू खिलाया नही है,
रात श्याम मेरे………………..
स्वरअलका गोएल
Night Shyam came in my dream, how Kehdu has not come,
He hugged me, how can I say that I have not planted,
On his head was a cute peacock,
The necklace was in a necklace of pearls,
He put a cage in the black wings,
How is it not planted?
Night Shyam my……
In his hand was the flute, in whose voice is hidden,
The one who made the whole world dance, how has he not danced in the heart,
Night Shyam me………………
When Manmohan was smiling sitting near me coming,
How can I say that I have not fed butter with my own hands?
Night Shyam Me……………
Swaraalka Goel