राम आएंगे इक दिन अपने नगर में सूरत वसी है नजर में
भजति रही वो गुजरियाँ आएंगे इक दिन सांवरिया,
खाली है दिल की गगरियाँ प्यासी है तुम बिन नजारियाँ,
पाउ गी इक मैं अपने शहर में सूरत वसी है नजर में,
राम आएंगे इक दिन अपने नगर में सूरत वसी है नजर में
दुनिया ये लगती यमेला तुम बिन है तन मन अकेला,
आँखे बहाये पानी रेला,
सारा जगत है ये खेला,
ये प्राण अर्पण तुम्हारी डगर में सूरत बसी है नजर में,
राम आएंगे इक दिन अपने नगर में सूरत वसी है नजर में
Ram will come one day in his city Surat is in sight
Worshiped, those Gujriyas will come one day Saawariya,
Empty hearts are thirsty without you,
Pow gi iq i surat wasi hai in my city,
Ram will come one day in his city Surat is in sight
The world seems to be Yamela without you body and mind alone,
Eyes shed water,
The whole world is this played,
This life offering is situated in your path, in your eyes,
Ram will come one day in his city Surat is in sight