राम तुझे जपता रहू मैं तेरी धुन में बैठा रहू हालात ऐसे अब तो करो न
राम जी किरपा करो न राम जी किरपा करो न
हम को पता तुम सब से बड़े तुम हो बड़े वेय्न्त
अच्छे बुरे का तुम ही तो फल देते हो तुरंत
मुझसे न न खफा रहो न हाथ मेरे सिर पे धरो न
राम जी किरपा करो न
दूर करो तुम दूर करो ना मोह माया दलदल
नही करू मैं कपट किसी से नही करू कोई शल
देख मैं हु बालक तेरा कष्ट मेरे तुम ही हरो न
राम जी किरपा करो न
महामंत्र का तेरे स्वामी जो करता उपयोग
सुख सम्पति घर में आती धन का बने संयोग
गम की धुप में तडप रहा साया सुख का अब तो करो न
राम जी किरपा करो न
माझी बन के तुम ही सब की नैया पार लगाते,
मुश्किल से मुस्किल कारज को तुम आसन बनाते
मेरे मन की गागर में तुम प्रेम का रस अब तो भरो न
राम जी किरपा करो न
Ram keep chanting to you, I will be sitting in your tune, do not do the situation like this now
Ram ji Kirpa neither Ram ji Kirpa nor
We know you are the biggest of all
You give the fruits of good and bad immediately.
Don’t be angry with me, don’t hold hands on my head
ram ji don’t cry
Take away you do not take away the swamp of fascination
I will not do any deceit to anyone, I will not do anything
See, I am the child, your troubles are not my only defeat.
ram ji don’t cry
Your lord who uses the Mahamantra
Happiness becomes a coincidence of wealth coming to the house
Do not do now the shadow of happiness that is agonizing in the sun of sorrow
ram ji don’t cry
By becoming my Majhi, you only cross the boat of everyone,
You hardly make difficult things a seat
Now don’t you fill the juice of love in my heart
ram ji don’t cry