राम मन्दिर की स्थापना प्राणी के हदय में भक्ती का रोपण है
भगवान राम का राज तिलक है
गर्भ ग्रह की प्राण प्रतिष्ठा भक्ति की दृढ़ता है
जन जन का ह्दय प्रभु प्राण नाथ के प्रेम में ढुबा है,
जब जब देश का शासन पर धर्म निष्ठ बैठे हैं देश में प्रगति के साथ हर नागरिक के हृदय
में प्रभु प्रेम और भक्ति की, नींव का रोपण होता है।
क्या बच्चे क्या जवान सबमे खुशी की लहर है।
देश की गोरव गाथा की रचना होती है
राम प्रेम की भावना राष्ट्र के गोरव की रचना है
सनातन संस्कृति का उदय हुआ है
नागरिक के दिलो में भक्ती जागी है
हम सबके दिल में उत्सव का सैलाब जागृत हुआ है
जीवन के लिए भौतिक सुख के साथ भक्ति का उदय होता है।
शान्ति सम्राज्य का निर्माण होता है
हर व्यक्ति का हृदय अयोध्या में भगवान राम को निहार रहा है
भगवान राम को निहारने के लिए भाव की जागृति आवश्यक है।
एक सन्त ने सबके हृदय में भक्ती का रोपण किया।
भगवान राम को भक्तो ने दिल मे बिठाया है
जब जब देश में जय श्री राम का नारा लगता है दिल मे शान्ति छा जाती है
भगवान राम अयोध्या मन्दिर राम को भक्त नैनो में बसा लेता है।
भक्त का ऐसा भाव है मै अयोध्या में हूं
भगवान राम को निहार रहा हूं।
भगवान की प्राण प्रतिष्ठा हुई।
भगवान का रूप दिल में उत्तरता जाता है
दिल की धड़कन थम जाना चाहती है
मेरे भगवान तुम दिल में बैठे रहो
मै दिल भर कर निहारता रहूं।
रोम रोम में मेरे भगवान आपकी झंकार है।
हर दिल तुम्हारे चरणों को वन्दन करता है
भक्तो के हृदय में प्रेम जगाना ही राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का लक्ष्य है। जय श्री राम अनीता गर्ग