साई झुकता रहे मेरा सिर तेरे दर तेरे दर,
साईनाथ मेरे साईनाथ मेरे साईनाथ,
तुझको आती रहु मैं नजर तेरे दर तेरे दर,
संतो के संग साई पीरो के पीर है,
दाता जगत के वेशधारे फ़क़ीर है,
बड़ी रेहमत हुई मुझपर,
तेरे दर तेरे दर…….
साई झुकता रहे मेरा सिर तेरे दर तेरे दर,
कितनी ही तकदीरो के हो विदाता,
रखते है शहंशा भी चरणों में माथा,
हुए मुझपे भी रहम नजर साई,
तेरे दर तेरे दर……
साई झुकता रहे मेरा सिर तेरे दर तेरे दर,
मुझको भी देदो बाबा प्यार जरा सा,
छोटा सा मन मेरा छोटी सी आशा,
तेरे कदमो में गुजरे उम्र ,
तेरे दर तेरे दर……
साई झुकता रहे मेरा सिर तेरे दर तेरे दर,
Sai keep bowing my head between you and you,
Sainath my Sainath my Sainath,
Keep coming to you, I will see you at your door,
Sai is the pir of Piro with the saints,
The donor is a fakir in the guise of the world,
I felt great sympathy,
At your rate, at your rate…..
Sai keep bowing my head between you and you,
Giver of how many fortunes,
Keeps the head even at the feet of the emperor,
Have mercy on me too,
At your rate, at your rate……
Sai keep bowing my head between you and you,
Give me too baba a little love,
my little heart my little hope,
Age passed in your footsteps,
At your rate, at your rate……
Sai keep bowing my head between you and you,