चलो चले चलो चलो चलो चले.
साई नाथ की चली पालकी गूंज रहे जैकारे,
चलो चलो शिरडी की नगरियां साई नाथ के द्वारे,
हुए मगन साई के दीवाने झूम के दुनिया नाचे,
चले साथ में हठी घोड़े शोभा प्यारी लागे,
लगे निराले देखो साई ये महाराज हमारे,
साई नाथ की चली पालकी गूंज रहे जैकारे,
बरस रहे फूल गगन से झूमे देवता सारे,
करे वन्दना साई नाथ की देखो चाँद सितारे,
हिन्दू मुश्लिम सिख ईसाई करते सेवा सारे,
साई नाथ की चली पालकी गूंज रहे जैकारे,
बड़े दिनों के बाद दीवानो वक़्त सुहाना आया,
गली गली में साई नाथ का झंडा ये लहराया,
कोई चूमे साई चरण को आरती कोई उतारे,
साई नाथ की चली पालकी गूंज रहे जैकारे,
Come on let’s go, let’s go.
The palanquins of Sai Nath are echoing,
Let’s go to the cities of Shirdi through Sai Nath,
The world of jhoom danced by the lovers of Sai,
Let’s go along with the stubborn horse Shobha Pyari,
Look strange, Sai Ye Maharaj is ours,
The palanquins of Sai Nath are echoing,
All the gods swing from the raining flowers,
Look at Vandana Sai Nath’s moon stars,
Hindu Muslim Sikh Christian doing service all,
The palanquins of Sai Nath are echoing,
After a long time, the crazy time has come to a pleasant one,
He waved the flag of Sai Nath in the street,
Somebody kisses Sai Charan, someone performs the aarti,
The palanquins of Sai Nath are echoing,