छोड़ दो सारी नंदाये जब साईं तुम्हारे साथ है
खुद को न समजो बेसहारा जब साईं ने पकड़ा हाथ है
लाखो को तारा साईं ने वो सब का तारण हार है,
देकर सुख वो लेता सुख है ऐसा पालनहार है
तर जाओगे भव सागर से खावैयाँ साईं नाथ,
खुद को न समजो बेसहारा जब साईं ने पकड़ा हाथ है
मन मन्दिर में सिमरु साईं साईं को तुम पाओगे,
जीवन होगा हरपल रोशन साईं भजन जब गाओ गे,
पूरी होंगी मन की मुरादे ये साईं सोगात है
खुद को न समजो बेसहारा जब साईं ने पकड़ा हाथ है
साईं नाम का अमृत पी कर जीवन स्वर्ग बना लो तुम
मेहके जिस से घर आँगन वो साईं की खुशबु पा लो तुम
भगतो के खातिर दोड़े आते ये साईं का प्यार है
खुद को न समजो बेसहारा जब साईं ने पकड़ा हाथ है
Leave all Nandaye when Sai is with you
Do not consider yourself helpless when Sai has held hands
Tara Sai has lost all of them to millions,
He takes pleasure by giving, he is such a nurturer
You will go away from the ocean of Khavaiyan Sai Nath,
Do not consider yourself helpless when Sai has held hands
You will find Simru Sai Sai in the Mana Mandir,
Life will be Harpal Roshan Sai Bhajan when you sing,
The wishes of the mind will be fulfilled, this is Sai Sogat.
Do not consider yourself helpless when Sai has held hands
Make life heaven by drinking the nectar of Sai name.
Mehke from whom you get the fragrance of Sai in the courtyard of your house
This is Sai’s love, coming running for the sake of the devotees.
Do not consider yourself helpless when Sai has held hands