सर्वेश्वरी, जय जय जगदीश्वरी माँ, तेरा ही एक सहारा है
तेरी आंचल की छाहँ छोड़ अब नहीं कहीं निस्तारा है
सर्वेश्वरी जय जय ….
मैं अधमाधम, तू अघ हारिणी ! मैं पतित अशुभ, तू शुभ कारिणी
हें ज्योतिपुंज, तूने मेरे मन का मेटा अंधियारा है !!
सर्वेश्वरी, जय जय …..
तेरी ममता पाकर किसने ना अपना भाग्य सराहा है
कोई भी खाली नहीं गया जो तेरे दर पर आया है !!
सर्वेश्वरी, जय जय …..
अति दुर्लभ मानव तन पाकर आये हैं हम इस धरती पर,
तेरी चौखट ना छोड़ेंगे ,अपना ये अंतिम द्वारा है !!
सर्वेश्वरी, जय जय …..
Sarveshwari, Jai Jai Jagdishwari Mother, you are your only support.
Leaving the shadow of your lap, there is no place now
Sarveshwari Jai Jai ….
I’m half-hearted, you’re a great loser! I am evil, you are the good maker
Hey Jyotipunj, you are the meta darkness of my mind.
Sarveshwari, Jai Jai…..
Who has not appreciated his luck by getting your love?
No one has gone empty who has come at your rate !!
Sarveshwari, Jai Jai…..
We have come to this earth after getting a very rare human body.
Won’t leave your door frame, this is your last one!!
Sarveshwari, Jai Jai…..