शबरी की तरह भगवन मेरी कुटिया में पग रख दो,
रूखे सूखे पकवानों को मेरे राम ग्रहन करलो,
शबरी की तरह भगवन……..
श्री राम नाम का दीपक मंदिर में जगा बेठी,
श्री राम नाम की माला हर पल पल मैं जप्ती,
मेरे शीश पे अपने हाथ प्रभु आकर के धर दो,
शबरी की तरह भगवन…..
मानव के वेषय में कान्हा संसार में बेठे है
पग पग पर बह लगता है हम डर कर जीते है,
श्री राम दंसुधारी मेरे मन के भेह हर लो,
शबरी की तरह भगवन ……..
हे किरपा सिन्धु राधू नायक इतनी तो किरपा करना तुम,
भव सागर से मेरी नैया को पार लगा देना तुम,
हे सीता पति श्री राम जी याहि बिनती मेरी सुन लो,
शबरी की तरह भगवन ………
Lord like Shabari, keep a step in my hut,
Grab dry dry dishes to my Ram,
Lord like Shabari…….
Deepak named Shri Ram woke up in the temple,
Every moment I keep the rosary of Shri Ram’s name,
Lord come and put your hands on my head,
Lord like Shabari…..
Kanha is sitting in the world as a human
It seems to flow at every step, we live in fear,
Shri Ram Dansudhari take away my heart,
Lord like Shabari…….
O Kirpa Sindhu Radhu Nayak, you have so much to grieve,
You put my boat across from the ocean of the universe,
O Sita, husband Shri Ram ji, yahi request, listen to me,
Lord like Shabari………