मात-पिता गुरु देवता, तीनो एक सामान,
इन से हिल-मिल चलिए, वो नर चतुर सुजान,
संसार सागर है मगर, माता-पिता एक नाव है,
जिसने करि सेवा सदा, उसका तो बेडा पार है,
जिसने दुखाई आत्मा, वो डूबता मझधार है,
माता-पिता परमात्मा, सज्जनो मिलते न दूजी बार है
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे-,
नीर पीला दे प्यास बुझा रे, सूखे अलप हमारे,
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे,
तेरा अवधनगर किती दूर है, वहाँ पर माता का पीहर है
चले पाव थके रुक जा रे, प्यासे को नीर पीला रे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे,
नीर पीला दे प्यास बुझा दे, सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
अवधपति चिंता करी, हाँ…तो आये नहीं श्रवण कुमार,
मेरे तो कोई लाल नहीं, उस लाल को लेऊ निहार,
बिन लाल के सुना लगे, महल और बागी बहार,
पुत्र के वियोग में राजा दसरथ खेलन गया शिकार,
होजी सुबह से सांम हो आयी, कोई शिकार नजर नहीं आई
एक तालाब भरा रुकजा रे, प्यासे को नीर पीला रे, हो….हो….हो….हो….हाँ
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे-३
नीर पीला दे प्यास बुझा दे-२, सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे,
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे
दसरथ खड़ा वृक्ष की ओट में और सिंह की तलाश में,
श्रवण चला है नीर को जल ले कमंडल हाथ में,
घनघोर काली रात थी पते बिछे थे राह में,
पैर की आवाज सुन दसरथ(राजा) बाण भर लियो चाप में,
राजा ने तीर चलायो-२, सोचा सिंह एक कोई आयो,
वो तो श्रवण के लग जा रे, प्यासे को नीर पीला रे,
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे,
नीर पीला दे, हाँ…हाँ…हाँ…हं…हं…हं… सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे
तीर की लगते समय ही, श्रवण धारण पर गिर पड़ा,
हाय हाय का शब्द सुन, दसरथ वहां पर आ गया,
देख के श्रवण को राजा, फूल ज्यो कुमला गया,
हाय राम ये क्या हुआ, मेरे हाथों मेरा सूत मारा गया,
पहले पुत्र थो दुख्यारो-२, दुजो लाल परायो मारो,
अब मै कैसे धीर बंधाऊं, प्यासे को नीर पीला रे,
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे,
नीर पीला दे, हाँ…हाँ…हाँ…हं…हं…हं… सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे, हो हो…हो हो…जी..हाँ
हिमत करो धीरज धरो, इस पात्र को जल से भरो,
प्यासे है मेरे मात-पिता, पहले फ़िक्र उनका करो,
(मेरी चिंता मत करो)
पहले पिलाओ नीर उनको, फिर कहो श्रवण मरयो
जंत का यह तंत मामा, धर्म इतना मुझ पे करो,
(अंत का यह तंत मामा, इतना कहा मेरा करो)
मुख फेर लियो लाल नहीं बाले, राजा बाण ह्रदय में तोले।
मुख फेर लियो लाल नहीं बाले (राजा ह्रदय लगा कर रोले)
अब श्रवण स्वर्ग सिधारे, प्यासे को नीर पीला रे।
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे-३
नीर पीला दे, हाँ…हाँ…हाँ…हं…हं…हं…हो… सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे, हो हो…हो हो…जी..हाँ
ले कमंडल चल दिया, राजा भर पलकों में नीर।
लाख जतन राजा करे, फिरभी मन में बंधे नही धीर।
श्रवण के मात-पिता के और धरयो हाथ पर नीर।
कहो लाल के हो गया, तेरो थर-थर कांपे शरीर।।
कहो लाल के आफत आई, तू म्हाने श्रवण दिखे नहीं।
म्हणे साँची-साँच बता रे, प्यासे को नीर पीला रे।
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे-३
नीर पीला दे, हाँ…हाँ…हाँ…हं…हं…हं…हो… सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे, हो हो…हो हो…जी..हाँ
श्रवण नहीं मै काल हूँ, जो तेरे लाल को मै खा गया।
और सिंघ के धोखे में श्रवण मेरे हाथ से मारा गया
मार के मेरे लाल को, स्वागत अच्छा किया।
किस जन्म को बैर बदला, इस जन्म में ले लिया।।
माता रो-रो के कुरलवे-२, धरणी पे पछाड़ यूँ खावै।
हट पापी हत्यारा-२, मेरे श्रवण को तूने मारा,
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे-३
नीर पीला दे, हाँ…हाँ…हाँ…हं…हं…हं…हो… सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे, हो हो…हो हो…जी..हाँ
मेरा तो दीपक बुझ गया, राजा तेरा भी बुझ जायेगा,
और चार पुत्र होंगे राजा, पर काम एक नहीं आएगा,
पुत्र की ममता का राजा, तुझे पता चल जायेगा,
और हाय बेटा हाय बेटा, तू यूँ कहता मर जायेगा,
सोहनलाल लोहकार समझावै-२, प्यासे पंछी उड़ जावै,
तीनों ही स्वर्ग सिधारे-२, प्यासे को नीर पीला रे,
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे,
हो..नीर पीला दे, हाँ…हाँ…हाँ…हं…हं…हं…हो… सूखे अलप हमारे..हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे, हो हो…हो हो…जी..हाँ
।।बोलिये भक्त और भगवन की जय।।
मात-पिता गुरु देवता, तीनो एक सामान,
इन से हिल-मिल चलिए, वो नर चतुर सुजान,
संसार सागर है मगर, माता-पिता एक नाव है,
जिसने करि सेवा सदा, उसका तो बेडा पार है,
जिसने दुखाई आत्मा, वो डूबता मझधार है,
माता-पिता परमात्मा, सज्जनो मिलते न दूजी बार है
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे-,
नीर पीला दे प्यास बुझा रे, सूखे अलप हमारे,
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे,
तेरा अवधनगर किती दूर है, वहाँ पर माता का पीहर है
चले पाव थके रुक जा रे, प्यासे को नीर पीला रे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे,
नीर पीला दे प्यास बुझा दे, सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
अवधपति चिंता करी, हाँ…तो आये नहीं श्रवण कुमार,
मेरे तो कोई लाल नहीं, उस लाल को लेऊ निहार,
बिन लाल के सुना लगे, महल और बागी बहार,
पुत्र के वियोग में राजा दसरथ खेलन गया शिकार,
होजी सुबह से सांम हो आयी, कोई शिकार नजर नहीं आई
एक तालाब भरा रुकजा रे, प्यासे को नीर पीला रे, हो….हो….हो….हो….हाँ
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे-३
नीर पीला दे प्यास बुझा दे-२, सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे,
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे
दसरथ खड़ा वृक्ष की ओट में और सिंह की तलाश में,
श्रवण चला है नीर को जल ले कमंडल हाथ में,
घनघोर काली रात थी पते बिछे थे राह में,
पैर की आवाज सुन दसरथ(राजा) बाण भर लियो चाप में,
राजा ने तीर चलायो-२, सोचा सिंह एक कोई आयो,
वो तो श्रवण के लग जा रे, प्यासे को नीर पीला रे,
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे,
नीर पीला दे, हाँ…हाँ…हाँ…हं…हं…हं… सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे
तीर की लगते समय ही, श्रवण धारण पर गिर पड़ा,
हाय हाय का शब्द सुन, दसरथ वहां पर आ गया,
देख के श्रवण को राजा, फूल ज्यो कुमला गया,
हाय राम ये क्या हुआ, मेरे हाथों मेरा सूत मारा गया,
पहले पुत्र थो दुख्यारो-२, दुजो लाल परायो मारो,
अब मै कैसे धीर बंधाऊं, प्यासे को नीर पीला रे,
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे,
नीर पीला दे, हाँ…हाँ…हाँ…हं…हं…हं… सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे, हो हो…हो हो…जी..हाँ
हिमत करो धीरज धरो, इस पात्र को जल से भरो,
प्यासे है मेरे मात-पिता, पहले फ़िक्र उनका करो,
(मेरी चिंता मत करो)
पहले पिलाओ नीर उनको, फिर कहो श्रवण मरयो
जंत का यह तंत मामा, धर्म इतना मुझ पे करो,
(अंत का यह तंत मामा, इतना कहा मेरा करो)
मुख फेर लियो लाल नहीं बाले, राजा बाण ह्रदय में तोले।
मुख फेर लियो लाल नहीं बाले (राजा ह्रदय लगा कर रोले)
अब श्रवण स्वर्ग सिधारे, प्यासे को नीर पीला रे।
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे-३
नीर पीला दे, हाँ…हाँ…हाँ…हं…हं…हं…हो… सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे, हो हो…हो हो…जी..हाँ
ले कमंडल चल दिया, राजा भर पलकों में नीर।
लाख जतन राजा करे, फिरभी मन में बंधे नही धीर।
श्रवण के मात-पिता के और धरयो हाथ पर नीर।
कहो लाल के हो गया, तेरो थर-थर कांपे शरीर।।
कहो लाल के आफत आई, तू म्हाने श्रवण दिखे नहीं।
म्हणे साँची-साँच बता रे, प्यासे को नीर पीला रे।
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे-३
नीर पीला दे, हाँ…हाँ…हाँ…हं…हं…हं…हो… सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे, हो हो…हो हो…जी..हाँ
श्रवण नहीं मै काल हूँ, जो तेरे लाल को मै खा गया।
और सिंघ के धोखे में श्रवण मेरे हाथ से मारा गया
मार के मेरे लाल को, स्वागत अच्छा किया।
किस जन्म को बैर बदला, इस जन्म में ले लिया।।
माता रो-रो के कुरलवे-२, धरणी पे पछाड़ यूँ खावै।
हट पापी हत्यारा-२, मेरे श्रवण को तूने मारा,
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे-३
नीर पीला दे, हाँ…हाँ…हाँ…हं…हं…हं…हो… सूखे अलप हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे, हो हो…हो हो…जी..हाँ
मेरा तो दीपक बुझ गया, राजा तेरा भी बुझ जायेगा,
और चार पुत्र होंगे राजा, पर काम एक नहीं आएगा,
पुत्र की ममता का राजा, तुझे पता चल जायेगा,
और हाय बेटा हाय बेटा, तू यूँ कहता मर जायेगा,
सोहनलाल लोहकार समझावै-२, प्यासे पंछी उड़ जावै,
तीनों ही स्वर्ग सिधारे-२, प्यासे को नीर पीला रे,
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे,
हो..नीर पीला दे, हाँ…हाँ…हाँ…हं…हं…हं…हो… सूखे अलप हमारे..हमारे
प्यासे को नीर पीला रे, हाँ ….नीर पीला रे… प्यास बुझा दे
श्रवण सूत लाल हमारे, प्यासे को नीर पीला रे, हो हो…हो हो…जी..हाँ
।।बोलिये भक्त और भगवन की जय।।