दिल यह कह रहा है एक बार देख लूँ,
शिर्डी वाले साईं का दरबार देख लूँ ।
साईं बाबा दर पे बुला ले, दर पे बुला ले साईं बाबा ॥
देखूं मैं तमन्ना हैं उन साईं की राहों को,
मिल जाए तसल्ली कुछ बैचैन निगाहों को ।
कर के साईं नाथ का दीदार देख लूँ,
शिर्डी वाले साईं का दरबार देख लूँ ॥
सुनता हूँ के साईं पर रहमत का खजाना हैं,
को साईं को अपने ही भक्तो पे लुटाना हैं ।
पा के साईं श्याम का कुछ प्यार देख लूँ,
शिर्डी वाले साईं का दरबार देख लूँ ॥
कह दूँगा साईं से मैं दर आया सवाली है,
भर जायेगी झोली यह मुद्दत से जो खाली है ।
कैसा है साईं राम का भण्डार देख लूँ,
शिर्डी वाले साईं का दरबार देख लूँ ॥
हो जाए आरजू बस पूरी यह अजनबी की,
फिर पूरी होगी सारी तकलीफ ज़िन्दगी की ।
मैं चूम कर चौखट को सो बार देख लूँ,
शिर्डी वाले साईं का दरबार देख लूँ ॥
Heart is saying that let me see once,
Let me see the court of Sai in Shirdi.
Call sai baba at the door, call sai baba at the rate.
I wish to see the paths of those Sai,
May some restless eyes find solace.
Let me see the sight of Sai Nath.
Let me see the court of Sai in Shirdi.
I hear that there is a treasure of mercy on Sai,
One has to spend Sai on his own devotees.
Let me see some love of Sai Shyam.
Let me see the court of Sai in Shirdi.
I will say that I have come from Sai to the question,
The bag will be filled with this time which is empty.
How is it to see the store of Sai Ram,
Let me see the court of Sai in Shirdi.
Ho ho arzoo just complete this stranger’s,
Then all the troubles of life will be complete.
I’ll kiss and look at the door frame once in a while,
Let me see the court of Sai in Shirdi.