दुनीयाँ पे संकट आयो मंदिर भी हुयो परायो,
जो हुयो ना अब तक बाबा तू ऐसो खेल रचायो,
तू आजा रे श्याम मेरे आजा रे,
पुकारां हाँ तू आजा रे,
बड़ी बड़ी विपदा में तू ही आडो आयो,
सर पर हाथ फिरायो म्हाने लाड लडायो,
इबकी क्यों ना तू आयो क्यों म्हासूं हुयो परायो,
तू आजा रे श्याम मेरे आजा रे
पुकारां हाँ तू आजा रे
मन म्हारो घबरावे मनड़ो धीर गंवाए,
रह कर के म्हे सोचा म्हारो रक्षक क्यों संकुचावे,
थे बैठ्या मंदिर माहीं सूझे दुःख म्हारो नाहीं,
तू आजा रे श्याम मेरे आजा रे।
पुकारां हाँ तू आजा रे….
जीवन की है बाजी थे क्यों हो नाराज़,
बिलख बिलख कर म्हे रोवा तू आजा श्याम मिजाजी,
थारो अंश अगर जी जावे थारो के घट जावे,
तू आजा रे श्याम मेरे आजा रे
पुकारां हाँ तू आजा रे…..
The world has come to trouble, the temple has also become parayo,
Whatever happened till now Baba, you have created such a game,
Tu Aaja Re Shyam Mere Aaja Re,
Call me yes you aaja re,
In the great calamity, only you come,
Put your hands on your head.
Why didn’t you come?
Tu Aaja Re Shyam Mere Aaja Re
call yes tu aaja re
Don’t be afraid, you should lose your patience.
After staying I thought why should my protectors shrink,
The sitting temple didn’t feel sad,
Tu aaja re shyam mere aaja re.
Call me yes you aaja re….
Why were you angry?
You cry with tears, you aja shyam,
If the Tharo part is to be lived, the Tharo’s decreases,
Tu Aaja Re Shyam Mere Aaja Re
Call me yes you aaja re…..