तन मन बोले श्याम श्याम ना श्याम बिना कोई भाये न
श्याम ही मेरे ठाकुर है और श्याम ही मेरे शालिग्राम
मेरी आँखों में है श्याम मेरी सांसो में घनश्याम
मेरी नींदों में है श्याम मेरे सपनो में है घनश्याम
ना श्याम बिना कोई काम ना श्याम बिना कोई धाम
मैं जोगन श्याम की मैं वावली श्याम की
दिन रात मैं फेरु श्याम की माला श्याम भजु सुबह शाम
तन मन बोले श्याम श्याम ना श्याम बिना कोई भाये न
जब जप्ती हु मैं श्याम बड़ा मिलता है आराम
हर चिंता हर हर दुःख से पा जाती हु आराम
है जादू ये श्याम है करिश्मा ये श्याम का
जब श्याम छवि देखू सारी दुनिया मैं भूलू
मैं चाहू युही श्याम चरण में हो जीवन की शाम
तन मन बोले श्याम श्याम ना श्याम बिना कोई भाये न
Tana mind said Shyam Shyam na Shyam without any brother
Shyam is my Thakur and Shyam is my Shaligram
Shyam is in my eyes Ghanshyam in my breath
Shyam is in my sleep Ghanshyam is in my dreams
No Shyam without any work No Shyam without any Dham
Main Jogan Shyam Ki Main Wavali Shyam Ki
Day night I feru shyam ki rosary shyam bhaju morning evening
Tana mind said Shyam Shyam na Shyam without any brother
When I am caught, I am Shyam Bada get rest
I get relief from every worry, every sorrow
This is magic, this is Shyam, this is Karishma, this is Shyam.
When I see the black image, I forget the whole world
I want you to be in Shyam Charan, the evening of life
Tana mind said Shyam Shyam na Shyam without any brother