मजहब की दीवारों से ऊंचा उठ कर देखे,
वो हर एक सेह में हर इक रूप में मुझको ही तू नजर आये,
तेरा ही रूप नजर आये,
आल्हा कहो या राम कहो प्रणाम नाम एक है,
मजहब जुदा जुदा है तेरा नाम एक है
हिन्दू ने तेरे नाम पर मंदिर बना दिया,
मुस्लिम ने तेरे नाम पर मस्जिद सजा दिया,
गिरजा हो या गुरुद्वारा मगर तेरा धाम एक है,
मजहब जुदा जुदा है तेरा नाम एक है
सजदा करो या आरती चाहे झुकाओ सिर,
मकसद सभी का एक है कहते अलग अलग,
रस्मे जुदा जुदा है मगर तेरा नाम एक है,
मजहब जुदा जुदा है तेरा नाम एक है
Look high above the walls of the religion,
You can only see me in every form in every body,
See your form
Say Allah or say Ram, the name is one,
religion is different, your name is one
Hindu built a temple in your name.
Muslim decorated the mosque in your name.
Be it a church or a gurudwara, but your abode is one,
religion is different, your name is one
Whether you do sajda or aarti, bow your head,
The purpose of everyone is the same, they say different,
Rituals are different but your name is one,
religion is different, your name is one