तेरे नाम दी चादर ओढ़ ओढ़,
सारी दुनिया को छोड़ छोड़,
वो तो प्रीत की डोरी जोड़ जोड़,
तेरी प्रेम दीवानी हो गई,
जोबन मस्तानी हो गई,
ये कैसी खुमारी है छाई,
ये कैसा आनंद है आया,
प्यारे के रूप को देख देख,
मेरा रोम रोम है हरषाया,
बांके के बांके नैन नैन ,
अधरों के मीठे बेन बेन,
अब पड़े न मुझको चैन चैन,
मैं सुध भूध अपनी खो गई,
जोगन मस्तानी हो गई………
तेरा मेरा मेरा तेरा,
संयोग ये कैसा हो गया,
थारी सखियाँ पूछे मुझसे,
ये रोग ये कैसा हो गया,
मोहन मेरे दिलदार यार,
हुई अँखियाँ जब से चार चार,
लेके दिल में तेरा प्यार प्यार,
मैं गहरी नींद में सो गई,
जोगन मस्तानी हो गई………
अब तुमसे है नाता मेरा,
अब जग से ना कुछ काम है,
आँखों में तेरा रूप वसे,
होठो पे तेरा नाम है,
तेरी याद में बहते नीर नीर,
मनवा में उठती पीढ पीढ,
अब कैसे धारु धीर धीर,
तेरे प्यार में पागल हो गई……स्वरविनोद अग्रवाल
Wear the sheet of your name,
Leaving the whole world
That’s the string of love,
Your love has become crazy,
Joban became Mastani,
What a delight this is,
What a joy this came,
looking at the look of the beloved,
My Rome Rome is Harshaya,
Banke Ke Banke Nain Nain,
Sweet Ben Ben of the limbs,
Don’t let me rest now,
I lost my sweetness,
Jogan Mastani is gone………
your mine mine yours,
Coincidentally, how did it happen?
Thari friends ask me,
How did this disease become
Mohan my dear friend,
Ever since the eyes were four,
But your love in my heart is love,
I fell into a deep sleep,
Jogan Mastani is gone………
Now my relationship with you is,
Now there is no work from the world,
your look in the eyes,
Your name is on the lips,
Neer neer flowing in your remembrance,
The rising generation in Manwa,
Now how daru patient,
Got mad in your love……Swarvinod Agarwal