तेरी याद में रोते है जग ते है न सोते है,
उल्फत में तेरी मोहन दामन को भिगोते है,
तेरी याद में रोते है….
ये कैसी उल्फत है कुछ समज नही आवे,
प्रीतम को मेरे मुझ पर कोई तरस नहीं आवे,
ये कैसी अवस्था है क्या प्रीत के गोते है,
उल्फत में तेरी मोहन दामन को भिगोते है,
तेरी याद में रोते है….
अगर प्रीत है ये मोहन ये प्रीत अजुभि है,
प्रेमी को रुलाना ही क्या प्रीत की खुभी है,
हम प्रीत के मारे जीते न मरते है,
उल्फत में तेरी मोहन दामन को भिगोते है,
तेरी याद में रोते है….
करुणा के सागर हो करुणा तो दिखलाओ,
हम हार गए मोहन इतना तो न अजमाओ,
नंदू नीले प्यारे अरमान सी सख्ते है,
उल्फत में तेरी मोहन दामन को भिगोते है,
तेरी याद में रोते है….
स्वरकुमार विशु
I cry in your memory, neither do I sleep in the world,
In Ulfat, your Mohan soaks the daman,
I cry in your memory…
What a mess this is, I don’t understand anything.
Pritam should not have any pity for me,
What is the condition of this, are the boats of love?
In Ulfat, your Mohan soaks the daman,
I cry in your memory…
If love is this Mohan, this love is Ajubhi,
Is it the beauty of love to make a lover cry?
We do not live or die because of love,
In Ulfat, your Mohan soaks the daman,
I cry in your memory…
If you are an ocean of compassion, show compassion.
We have lost Mohan so don’t try it,
Nandu is strict like blue dear Armaan,
In Ulfat, your Mohan soaks his arm,
I cry in your memory…
Swarakumar Vishu