शरणागत की शाम है बाबा लाज बचाओ जी,
थारी मोर छड़ी लहराओ जी,
मजधार में बाबा अटकी पड़ी नैया बेडो पार करो,
लाखा को प्यारो हो बेटे ने भूलियो क्यों प्रभु उपकार करो,
अटकियो की आके राह दिखो जी,
थारी मोर छड़ी लहराओ जी,
पर साँस बंद है तकदीर को तारा,
दयालु खोल देयो,
चरना में बिठा करके बोल मीठा सा मुख से बोल दियो,
टाबरिया के श्याम सिर पे हाथ फिराओ जी,
थारी मोर छड़ी लहराओ जी…..
हालत को मारियो दुखारा सबे हरियो,
मेरा उधार करो,थारो सहरो है थारे हर्ष ने बाबा गनी सवीकार करो,
हारो की आके श्याम आके जीत करो जी ,
थारी मोर छड़ी लहराओ जी
It is the evening of refuge, Baba Laj Bachao ji,
Thari peacock wave stick, ji,
Baba is stuck in Mazdhar, cross the bed,
Be dear to Lakha, the son has forgotten why do God favor,
Show the way to Atkio,
Thari peacock wave stick, ji,
But the breath is closed, the star of the fate,
kindly open,
Sitting in the grazing, speak with a sweet mouth,
Put your hands on the black head of Tabaria, ji,
Thari peacock stick wave ji…..
Mario Dukhara to condition everyone,
Borrow me, Tharo Saharo Hai Thare Harsha accept Baba Gani,
Come defeat, come Shyam and win,
Thari peacock stick stick