होंगे ठाठ निराले तेरे होंगे ठाठ निराले ,
तू भी इस नवराते में पहाड़ी माँ का निशान उठा ले ।
मनफरा से पैदल चलना, ना घोड़ा ना गाडी,
देख-देख थोड़ी दूरी पर माँ का धाम पहाड़ी,
हर साल निशान चढ़ाने का अब तू भी नियम बना ले ,
तू भी इस नवराते में पहाड़ी माँ का निशान उठा ले ।
नवरातों में जिसने चढ़ी पहाड़ी धाम की सीढ़ी,
माँ की दया से मौज उड़ाती उसकी सातों पीढ़ी,
चढ़ जा पहाड़ी की सीढ़ी, अपनी तक़दीर बना ले,
तू भी इस नवराते में पहाड़ी माँ का निशान उठा ले ।
लाल ध्वजा जब लाल उठाते , मईया खुश हो जाती,
खोल चुनड़ का पल्ला भगतों पर है प्यार लुटाती,
निशान पहाड़ी माँ का खोले किस्मत के ताले,
तू भी इस नवराते में पहाड़ी माँ का निशान उठा ले ।
जिन हाथों ने ध्वजा उठायी वो तो हैं बड़भागी,
उन्हें मिली है कृपा पहाड़ी माँ की,
हो गए वारे-न्यारे उनके हो गए वारे न्यारे,
तू भी इस नवराते में पहाड़ी माँ का निशान उठा ले ।
You will be chic and unique,
You also take the mark of Pahari Maa in this Navrata.
Walking through Manfra, neither horse nor car,
Seeing, at a distance, the mother’s dham hill,
Now you also make a rule to mark every year,
You also take the mark of Pahari Maa in this Navrata.
The one who climbed the ladder of the hill shrine in the Navratas,
Her seven generations enjoying the kindness of mother,
Climb the ladder of the hill, make your destiny,
You also take the mark of Pahari Maa in this Navrata.
When the red flag was raised, Mayya became happy,
She lavishes love on the Bhagat,
The locks of fate opened by the mark hill mother,
You also take the mark of Pahari Maa in this Navrata.
The hands that raised the flag are arrogant.
He has got the grace of Pahari Maa,
They have become different, they have become different.
You should also take the mark of the mountain mother in this Navrata.