तू प्रेम से ओढ़ले प्यारी चुनरियाँ चुनरियाँ राम नाम की भली,
इस चादर की ओट तान के सब की नाव चली,
चुनरियाँ राम नाम की भली,
राम नाम की सहज चुनरियाँ दास कबीर ने ओहडी,
तुलसी दास ने ोहड़ के पाई राम लखन की जोड़ी,
यही चुनरियाँ पहन के मीरा निकली प्रेम गली,
चुनरियाँ राम नाम की भली,
जिसके सिर चादर ये सोहे भाग उसी का जागे,
जग का बंधन उसे न बांधे लग्न राम की लागे,
रोम रोम लहराए तन का मन की खली कली,
चुनरियाँ राम नाम की भली,
राम चदरियाँ काँधे लेके हनुमत सागर लांगे,
लंका चारि सिया सुधि लाये प्राण लखन के राखे,
राम नाम सिर मुकट सिरोमनि कर बजरंग बलि,
चुनरियाँ राम नाम की भली,
You are covered with love, dear Chunariyan, Chunariyan is the best of Ram’s name,
Because of this sheet, everyone’s boat sailed,
Chunariyan Ram’s good name,
The Sahaj Chunariyan Das Kabir, named Ram, ohdi,
Tulsi Das paired Ram Lakhan of Rohad,
Wearing these chunaris, Meera turned to love alley,
Chunariyan Ram’s good name,
Whose head sheet this sleeping part wakes up,
The bondage of the world should not bind him, the lagna of Ram,
The body’s heart’s empty bud,
Chunariyan Ram’s good name,
Ram will bring Hanumant Sagar with his shoulders.
Lanka Chari Siya Sudhi brought Rakhs of Pran Lakhan,
Ram Naam Sir Mukat Siromani Kar Bajrang Bali,
Chunariyan Ram’s good name,