वनवास मेरे प्राण का प्यारा चला गया,
मेरी ज़िन्दगी का राम सहारा चला गया,
कैकई ने ज़ुल्म ढाया है वचनों को मांग कर,
चौदह बरस को आँख का तारा चला गया,
वनवास मेरें प्राण का प्यारा चला गया,
भाई लखन व सीता भी सब साथ हो लिए,
हाय अवध से राज दुलारा चला गया,
वनवास मेरें प्राण का प्यारा चला गया
है दिल पे दौर ऐसे हम कैसे जी सकेंगे,
हम से बिछड़ के लाल हमारा चला गया,
वनवास मेरें प्राण का प्यारा चला गया
यह राम की जुदाई ऐसे पदम् ने गायी,
जैसे अवध का राज दुलारा चला गया,
वनवास मेरें प्राण का प्यारा चला गया
The exile of my life is gone,
Ram Sahara of my life is gone,
Kaikeyi has committed oppression by asking for words,
Fourteen years later the apple of the eye is gone,
Exile lost my dear life,
Brother Lakhan and Sita also got along.
Hi, Raj Dulara has gone from Awadh,
My life’s beloved is gone in exile
How can we live like this,
After separating from us, the red went to us,
My life’s beloved is gone in exile
This separation of Rama was sung by such Padma,
As the kingdom of Awadh was lost,
My life’s beloved is gone in exile