वैकुंठ के सुख छोड़कर,
भक्तों के पीछे दौड़ कर,
हो साथ फिरते दरबदर,
प्रिय राधावर प्रिय राधावर,
तूने कहा था समर में ये,
नहीं शस्त्र लूंगा मैं यहां ,
फिर भी उठाया शस्त्र क्यों,
चकित हुआ सारा जहां,
पूरा किया प्रण भक्त का,
अपने वचन को तोड़कर ,
प्रिय राधावर प्रिय राधा वर ,
निर्धन सुदामा था बड़ा,
उपहार लेकर था खड़ा,
वैभव तुम्हारा देखकर,
संकोच में वो था पढ़ा,
भूखे से तुम खाने लगे,
तंदुल की गठरी छीनकर,
प्रिय राधा वर प्रिय राधा वर,
निर्दोष बली से दान ले,
दो पग में पृथ्वीनाप ली,
वरदान देकर ये कहा,
तूने है मेरी पनाह ली,
राजा हो तुम, मैं दास हूं,
पहरा में दूंगा द्वार पर,
प्रिय राधावर प्रिय राधा वर,
वैकुण्ठ के सुख छोड़कर,
भक्तों के पीछे दौड़कर,
हो साथ फिरते, दरबदर,,
प्रिय राधावर प्रिय राधावर.,
Leaving the pleasures of Vaikuntha,
running after the devotees,
Yes, Darbadar roaming with you,
Dear Radhavar Dear Radhavar,
You said this in the summer,
I will not take arms here,
Still, why did you take up arms?
Surprised Sara Jahan,
Fulfilled the vow of the devotee,
breaking his promise,
Dear Radhavar Dear Radha bride,
Poor Sudama was big,
was standing with a gift,
Seeing your splendor
He was hesitant to read,
You started eating out of hunger,
By snatching the bundle of tandul,
Dear Radha Bride Dear Radha Bride,
Take charity from an innocent sacrifice,
Measured the earth in two steps,
With a boon he said,
You have taken my refuge
You are the king, I am the slave,
I will guard at the door,
Dear Radhavar Dear Radha bride,
Leaving the pleasures of Vaikuntha,
running after the devotees,
Yes, you walk together, Darbadar,
Dear Radhavar Dear Radhavar.,