विद्या वाहनी सरस्वती माँ,
तुझको शीश निमाऊ मैं,
गौरवर्ण हाथो में वीणा कैसे तुम्हे ध्याऊ मैं,
विद्या वाहनी सरस्वती माँ,
सुर लय ताल राग रागनी,
प्रादुर्भाव तुम्हरा है,
ममतामई माँ सिवा तुम्हरे कोई नहीं हमारा है,
स्वराटिका और पतितपावनी कहो कैसे विसराऊ मैं
विद्या वाहनी सरस्वती माँ,…..
देवी भगवत में श्री कृष्ण ने तेरा ही गुणगान किया,
गीता का सन्देश सुना कर अर्जुन का कल्याण किया,
मेरे भी आकंठ बसों माँ महिमा तुम्हारी गाउ मैं,
विद्या वाहनी सरस्वती माँ,
Vidya Vahani Saraswati Maa,
I will give you my head,
How can I make you look at the veena in proud hands,
Vidya Vahani Saraswati Maa,
sur laya taal raga ragani,
The origin is yours
No one is ours except you, Mamtamayi Maa.
Say swartika and patitpavani
Vidya Vahani Saraswati Maa,…..
Shri Krishna glorified you only in Goddess Bhagwat,
He did the welfare of Arjuna by listening to the message of the Gita.
I also have a throat bus, mother glory is your cow,
Vidya Vahani Saraswati Maa,