हे दीनबंधु शरण हूं तुम्हारी खबर लो हमारी
ये माना की गलती हमसे हुईं हैं
भुलाया है तुझको
अपने पराये का भेद ना जाना
माफ करो हम को
आखिर तो गम में याद किया है
तुम को मुरारी
हे दीनबंधु शरण हूं तुम्हारी खबर लो हमारी
दीनो के नाथ तुमने दुखिया कोई हो
गले से लगाया
गोद में बिठा के उसके आंसु को पौंछा
थोड़ा थप थपाया
करूणा के सिंन्धु ईधर भी नजर कर
मैं कब का दुखारी
हे दीनबंधु शरण हूं तुम्हारी खबर लो हमारी
हमने सूना है कान्हा
तेरी खुदाई का जोड़ नहीं है
जाये कहां हम कान्हा
तेरे सिवा कोई ठोर नहीं है
दो बूंद सागर से हम को भी दे दो
हो तृप्ति हमारी
हे दीनबंधु शरण हूं तुम्हारी खबर लो हमारी
Hey Deenbandhu, I am in refuge, take notice of us. Admit that we have made mistakes have forgotten you Do not know the secret of your stranger forgive us After all I have remembered in sorrow Murari to you
Hey Deenbandhu, I am in refuge, take notice of us. Lord of the poor, are you someone who is unhappy? hugged me sat her in my lap and wiped her tears patted a little Indus of compassion, look here also I have been unhappy for a long time Hey Deenbandhu, I am in refuge, take notice of us. We have heard Kanha your digging doesn’t add up Where should we go Kanha There is no one else except you Give us two drops from the ocean may we be satisfied Hey Deenbandhu, I am in refuge, take notice of us.