कई जन्मों से बुला रही हु कोई तो रिश्ता जरूर होगा॥नज़रो से नज़ारे मिला ना पायी मेरी नज़र का कसूर होगा॥कईजन्मों से बुला रही हु कोई तो रिश्ता जरूर होगा॥
तुम्ही तो मेरे मात पिता हो॥तुम्ही तो मेरे बंधु सखा हो॥ कितने ही नाते तुम संग जोड़े,कोई तो नाता जरुर होगा,कई जन्मों से बुला रही हु कोई तो रिश्ता जरूर होगा॥
कभी बुलाते हो वृदावन मे॥कभी बुलाते हो मधुवन मे॥अपने घर तो मै रोज बुलाते, मेरे घर भी आना जरुर होगा। कई जन्मों से बुला रही हु कोई तो रिश्ता जरूर होगा॥
तुम्ही तो मेरे आत्मा हो॥तुम्ही तो मेरे परमात्मा हो॥ तुझी में रह कर तुझी से पर्दा, पर्दा हटना जरुर होगा कईजन्मों से बुला रही हु कोई तो रिश्ता जरूर होगा॥
आखों में बस गई तस्वीर तेरी॥दिल मेरा हो गया जागीर तेरी॥ दासी की बिनती तुम्हारे आगे, दर्श दिखना जरूर होगा ।कईजन्मों से बुला रही हु कोई तो रिश्ता जरूर होगा॥