तेरी ऐसी दया मनमोहन हो,
यहाँ देखू वही वृदावन हो,
तेरी प्यारी शवि मेरे नैनं हो,
यहाँ देखू वही वृन्दावन हो,
नैनं एक हो शवि तुम्हारी,
दूजे नैनं राधे प्यारी,
बंकि ये है जानकी निराली जो देखे जावे बलहारी,
रूप दोनों का अतिमन पावन हो,
यहाँ देखू वही….
सुंदर सा यमुना का तट हो,
बंसी अधर और राधे बगल हो,
राधे किरपा हुई जो तुम्हारी,
सूद वुध भूले हम तो सारी,
जो देखू नजारा बड़ा पावन हो,
यहाँ देखू वही……
वृधावन है धाम निराला यहाँ विराजे बांसुरी वाला,
राधे कृष्ण किरपा सो बरसे तर जाये जो इस सुख से तरसे,
दया इनकी के हुआ मन पावन हो,
यहाँ देखू वही…..
You have such mercy Manmohan,
See here that it is Vrindavan,
Your beloved shiv is my maternal grandmother,
See here that it is Vrindavan,
You are one shiva,
Duje Nain Radhe Pyari,
Banki this is Janaki Nirali, who can be seen Balhari,
May the Supreme Being of both forms be pure,
Look here…
Have a beautiful bank of Yamuna,
Bansi Adhar and Radhe are next to you,
Radhe Kirpa happened to be yours,
We all forget the suds,
The view which I see is very pure,
Look here……
Vridhavan is the dham unique, the one who sits here with flute,
Radhe Krishna Kirpa, who is longing for this happiness,
May his heart be pure,
Look here…..