ये दाना साई तेरा के चुग गया शिरडी में

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ये दाना साई तेरा के चुग गया शिरडी में,
मेरे दिल का कबूतर साई ये उड़ गया शिरडी में,
ये दाना साई तेरा के चुग गया शिरडी में

वो दिन नहीं भूलू मैं तेरे शिरडी जाने का,
मुझे मिला नहीं मौका फिर पीछे जाने का,
के दिल के पिंजरे से निकल गया शिरडी में,
मेरे दिल का कबूतर साई ये उड़ गया शिरडी में,

हे साई नाथ तुम सा दिलदार नहीं देखा,
भगतो को करे पागल ऐसा प्यार नहीं देखा,
दीवाना दिल मेरा के बन गया शिरडी में,
मेरे दिल का कबूतर साई ये उड़ गया शिरडी में,

क्या कहना शिरडी वाले ऐसा जाल बिछाया है,
शिरडी से उड़ न सके ऐसा दाना चुगाया है,
पंख बनवारी सा के कट गया शिरडी में,
मेरे दिल का कबूतर साई ये उड़ गया शिरडी में,

Ye dana sai tera ke chug gaya in shirdi,
The pigeon of my heart, Sai Yeh flew away in Shirdi,
Yeh Dana Sai Tera Ke Chug Gaya Mein Shirdi

I will not forget that day to go to your Shirdi,
I didn’t get a chance to go back again,
Got out of the cage of the heart of Shirdi,
The pigeon of my heart, Sai Yeh flew away in Shirdi,

O Sai Nath, you have not seen such a heart,
Haven’t seen such love to make devotees mad,
Deewana Dil Mera Ke Ban Gaya Mein Shirdi,
The pigeon of my heart, Sai Yeh flew away in Shirdi,

What to say, Shirdi has set such a trap,
He has eaten such a grain that cannot fly from Shirdi,
Feathers were cut like a banwari in Shirdi,
The pigeon of my heart, Sai Yeh flew away in Shirdi,

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