मै मदहोश हो गई हूं मुझे अब खबर नहीं रहीं हैं।
कहां हो तुम दिखाई नहीं देते आओ प्रिय आओ प्रिय।
मिलन की ये कोन घङी होगी,
प्राण जाएगे या सांसे थम जाएगी,
तेरी याद मे प्रभु जीवन क्या युही बीत जाएगा। नहीं है होश हम को कुछू भी। तुम्ही मेरे प्रियतम तुम्ही मेरे स्वामी तु ही चल रहा है तु ही सांस ले रहा है नहीं मुझमें मेरा कुछ भी।भक्त को भक्ति करते हुए ऐसे लगता है यह सब प्रभु रुप है प्रभु भगवान से भिन्न कुछ है ही नहीं जैसे राधा जी को ऐसा लगता मै ही कृष्ण हूं
I have become intoxicated, I am no longer aware.