भगवान भक्त को दृढ बनाते

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भगवान हमारे अहसास में आ गए हमारे जीवन का लक्ष्य परमात्मा को सच्चे मन से भजना है हमे देखना यह है कि हम भगवान श्री हरि को कितने सच्चे मन से भज रहे हैं। आगे दर्श का मार्ग परमात्मा पर छोड़ देते हैं।  भगवान हमे पहले कुम्हार की तरह घङते है हमारे मार्ग में अनेक जन्मों के कांटे होते हैं। भगवान भक्त को अनेकों परिस्थितियों से मजबूत  दृढ़ एवं लचीला बनाकर उन कांटो को निकालते हैं। हम ऊंची छलांग लगाना चाहते हैं। भक्ति का मार्ग प्रेम का मार्ग है जिसमें न दिन है न रात है। भक्त अपने भगवान मे डुबा हुआ भोजन करते हुए भी भोजन नहीं करता है ये प्रभु प्रेम में खोकर ध्यान की परिस्थिति हैं। भगवान शरीर नहीं है शरीर तो चला गया भगवान ज्योति रूप है।भक्त की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान रूप धारण करते हैं हमे भी भगवान को शरीर से ऊपर उठ कर चिन्तन करना है।भगवान चाहे राम कृष्ण या अन्य धर्मों के अनुसार अन्य रूप में हो। वे अब ज्योति रूप में है ।


हे भगवान, हे राम, हे सीताराम, हे दीनानाथ, हे दीनदयाल, हे दीनबंधु, हे करूणामयी  हे कृपासिन्धो हे नाथ हे सांवरे सरकार रक्षा करो हे स्वामी हे प्रभु प्राण नाथ जीवन की डोर तुम्हारे हाथ में है मेरे भगवान तु क्या नही जानता है अन्तर्मन मे तुम बैठे हो।

आकर्षण दो प्रकार के होते हैं
एक है भौतिक आकर्षण और
दूसरा है आध्यात्मिक आकर्षण।
भौतिक आकर्षण हमें बांधता है,
जबकि आध्यात्मिक आकर्षण हमें मुक्त करता है.
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे

जय श्री राम
अनीता गर्ग



God has come to our realization that the goal of our life is to worship God with a true heart, we have to see how sincerely we are worshiping Lord Shri Hari. Further, they leave the path of vision to God. God first comes to us like a potter, there are thorns of many births in our path. Lord removes those thorns by making the devotee strong, firm and resilient from many situations. We want to jump higher. The path of devotion is the path of love in which there is neither day nor night. The devotee does not eat even while having food dipped in his God, this is a situation of meditation lost in the love of God. God is not the body, the body is gone, God is the light form. Pleased with the devotion of the devotee, God takes the form. We also have to think about God by rising above the body. . He is now in the form of light.

Oh Lord, O Rama, O Sitaram, O Dinanath, O Deendayal, O Deenbandhu, O mercy I am sitting

There are two types of attraction One is physical attraction and The second is spiritual attraction. physical attraction binds us, Whereas spiritual attraction liberates us. Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare Hare Rama Hare Rama Rama Rama Hare Hare

Long live Rama Anita Garg

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