ये चमत्कार हिंदी में ही हो सकता है …
चार मिले चौसठ खिले, बीस रहे कर जोड़!
प्रेमी-प्रेमी दो मिले, खिल गए सात करोड़!!
अभी-अभी मुझसे एक बुजुर्गवार ने इस कहावत का अर्थ पूछा। काफी सोच-विचार के बाद भी जब मैं बता नहीं पाया, तब मैंने कहा – बाबा आप ही बताइए, मेरी समझ में तो कुछ नहीं आ रहा।यह पहेली ही नहीं भारतीय संस्कृति पहेली में छुपी हुई है हम कितना आज का पढ ले भारतीय संस्कृति के ज्ञान को समझना बहुत आवश्यक है।
तब एक रहस्यमयी मुस्कान के साथ बाबा समझाने लगे – देखो भाग्यवान, यह बड़े रहस्य की बात है – चार मिले – मतलब जब भी कोई मिलता है, तो सबसे पहले आपस में दोनों की आंखें मिलती हैं। इसलिए कहा, चार मिले – फिर कहा, चौसठ खिले – यानि बत्तीस-बत्तीस दांत – दोनों के मिलाकर चौसठ हो गए – इस तरह “चार मिले, चौसठ खिले” – हुआ!
“बीस रहे कर जोड़” – दोनों हाथों की दस उंगलियां – दोनों व्यक्तियों की 20 हुईं – बीसों मिलकर ही एक-दूसरे को प्रणाम की मुद्रा में हाथ बरबस उठ ही जाते हैं!
“प्रेमी-प्रेमी दो मिले” – जब दो प्रेम करने वाले मिले – यह बड़े रहस्य की बात है – क्योंकि मिलने वाले प्रेमी न हुए, तो “न बीस रहे कर जोड़” होगा और “न चौसठ खिलेंगे”..
उन्होंने कहा, वैसे तो शरीर में रोम की गिनती करना असम्भव है, लेकिन मोटा-मोटा साढ़े तीन करोड़ कहते हैं कहने वाले, तो कवि ने अंतिम रहस्य भी प्रकट कर दिया – “प्रेमी प्रेमी दो मिले – खिल गए सात करोड़!”
ऐसा अंतर्हृदय में बसा हुआ जब कोई मिलता है, तो रोम-रोम खिलना स्वाभाविक ही है भाई – जैसे ही कोई ऐसा मिलता है, तो कवि ने अंतिम पंक्ति में पूरा रस निचोड़ दिया – “खिल गए सात करोड़” यानि हमारा रोम-रोम खिल जाता है!
भई वाह, आनंद आ गया। हमारी कहावतों में कितना सार छुपा है। एक-एक शब्द चासनी में डूबा हुआ, हृदय को भावविभोर करता हुआ! इन्हीं कहावतों के जरिए हमारे बुजुर्ग, जिनको हम कम पढ़ा-लिखा समझते थे, हमारे अंदर गाहे-बगाहे संस्कार का बीज बोते रहते थे।
*विकल्प, संभावना और परिवर्तन, जीवन के मूल हैं। हमें उस “विकल्प” के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए “संभावना” बनाने की आवश्यकता है, जिससे जीवन में प्रभावी “परिवर्तन” लाया जा सकता है।
आज हम वास्तविकता से बहुत दूर भाग रहे हैं इसलिए सबकुछ होते हुए भी मन शान्त नहीं है
This miracle can happen only in Hindi… Four got sixty-four blooms, twenty remained and then added! Two lovers met, seven crores blossomed!! Recently an elderly man asked me the meaning of this proverb. Even after a lot of thinking, when I could not tell, then I said – Baba, tell me, I am not able to understand anything. This is not only a puzzle, Indian culture is hidden in the puzzle, how much should we study today’s Indian culture. It is very important to understand the knowledge of. Then with a mysterious smile Baba started explaining – Look fortunate one, this is a matter of great mystery – Char Mila – meaning whenever someone meets, first of all their eyes meet each other. That’s why it was said, four got – then it was said, Chausath khile – i.e. thirty-two teeth – together they became sixty-four – this is how “four got, Chausath khile” – happened! “Bees Rahe Kar Jodh” – Ten fingers of both the hands – Both people have 20 – As soon as all twenty fingers are together, the hands go up in a gesture of salutation to each other! “Lovers-lovers do meet” – When two lovers meet – it is a matter of great mystery – because if those who meet are not lovers, “neither twenty will be added” and “neither sixty-four will bloom”. He said, although it is impossible to count the follicles in the body, but people say roughly three and a half crores, then the poet also revealed the last secret – “Two lovers met – seven crores blossomed!” Brother, when we find someone so settled in our hearts, it is natural for every pore of ours to bloom – as soon as we find someone like this, the poet squeezed out all the juice in the last line – “Khil gaye seven crores” means our every pore blooms. goes! Wow, it was fun. How much essence is hidden in our proverbs. Every word is immersed in sugar syrup, making the heart emotional! Through these proverbs, our elders, whom we considered less educated, kept sowing the seeds of values in us from time to time. *Choice, possibility and change are the basics of life. We need to create “possibility” to get information about that “option” which can bring about effective “change” in life.
Today we are running far away from reality, that is why despite everything, the mind is not at peace.