सभी शब्दों का अर्थ मिल सकता है परन्तु”जीवन” का अर्थ जीवन जी कर और संबंध का अर्थ संबंध निभाकर ही मिल सकता है ।।
एक मात्र ईश्वर ही है, जो क्षमा मांगने पर यह नहीं पूछता कि गलती क्यों की थी कहते हैं नाम और पतंग जितनी ऊंचाई पर होते हैं काटने वालों की संख्या उतनी ही अधिक होती है जब बराबरी की हर कोशिश नाकाम हो जाती है तब आपसे जलने वाले नफ़रत पर उतर आते हैं। मीठा बनना तो गन्ने से बेहतर कोई नहीं जानता कि मीठा बनना कितना मुश्किल भरा है अंतिम बूंद तक कटना पिसना और निचौडा़ जाना।
इसीलिए हर समझोते में समझदार ही झुकता है। कोई भी झांक कर नहीं देखता एक बार भी कि वो अंदर से कितना टूटता है। पर आप को तो न अधिक छाया अच्छी, न अधिक धूप अच्छी लगती है।
इसलिए इंसान को वाता वरण के अनुकूल रहना चाहिए धीरे धीरे उम्र कट जाती है जीवन यादो की पुस्तक बन जाती है कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है और कभी यादों के सहारे जिंदगी कट जाती है किनारों पे सागर के खजाने नहीं आते फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते जी लो इन पलों को हंसके दोस्तों फिर लौटके दोस्ती के जमाने नहीं आते