श्रावण मास में पढ़ें महामृत्युंजय मंत्र, जानें लाभ—-


हिंदू धर्म में महामृत्युंजय मंत्र की महिमा से सभी अच्छी तरह परिचित हैं। मात्र हिंदू धर्म ही नहीं, अनेक धर्मो के लोग महामृत्युंजय मंत्र के बारे में जानते हैं। महामृत्युंजय का अर्थ है मृत्यु पर विजय दिलाने वाला। महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख चार वेदों में प्रथम वेद ऋ ग्वेद के सातवें अध्याय में मिलता है। इसे भगवान शिव का स्वरूप कहा गया है। इस मंत्र को वेदों का हृदय भी कहा जाता है क्योंकि इसके नित्य जाप से मनुष्य मृत्यु के भय पर विजय प्राप्त कर लेता है।आज भी मरणासन्न मनुष्य के स्वस्थ होने की कामना के साथ महामृत्युंजय मंत्र के लाखों जाप किए जाते हैं।
इस मंत्र के जाप का वैसे तो कोई निश्चित दिन तय नहीं है, लेकिन महाशिवरात्रि जैसे विशेष दिन इसका जाप किया जाए तो न केवल आयु और आरोग्य प्राप्त होता है, बल्कि यह मंत्र सुख समृद्धि और वैभव भी प्रदान करने वाला है। जो मनुष्य इस मंत्र को सिद्ध करना चाहते हैं वे शिवरात्रि की रात्रि में इस मंत्र के सवा लाख जाप रूद्राक्ष की माला से करें यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा, फिर मनुष्य और अन्य प्राणियों की रक्षा के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। अलग-अलग वेदों और पुराणों में इसे त्रयंबक मंत्र, रूद्र मंत्र और मृत संजीवनी मंत्र भी कहा जाता है।
महामृत्युंजय मंत्र : ऊं त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।

भावार्थ अर्थ : हे तीन नेत्रों वाले, तीनों काल में हमारी रक्षा करने वाले भगवान को हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं। मीठी सुगंध वाले, पुष्टि और पोषण में वृद्धि करने वाले, जिस प्रकार ककड़ी फल पूरी तरह पकने पर ही अपनी डाल से विलग होता है, उसी प्रकार हम भी मृत्यु के बंधन में न बंधें और भय से मुक्त रहें और अमरता को प्राप्त हों।
ये हैं मंत्र के लाभ :

1 महामृत्युंजय मंत्र को मुख्य रूप से मृत्यु पर विजय दिलाने वाला मंत्र कहा जाता है। इस मंत्र के जाप से मृत्यु के निकट पहुंचा मनुष्य भी स्वस्थ हो जाता है। अकाल मृत्यु का भय दूर करने के लिए इस मंत्र के सवा लाख जाप किए जाते हैं।
2महामृत्युंजय मंत्र को धन समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। शिवरात्रि के दिन इस मंत्र के ढाई लाख जाप करने से यह सिद्ध होता है और इससे अतुलनीय धन की प्राप्ति होती है।
3 इस मंत्र की नित्य एक माला जाप करने से आरोग्यता बनी रहती है।
उत्तम संतान की प्राप्ति और संतान की आयु-आरोग्यता के लिए सवा लाख मंत्रों का जाप करना चाहिए।
4 नवग्रहों की पीड़ा दूर करने के लिए इस महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
महारोग से पीड़ित मनुष्य को यदि महामृत्युंजय मंत्र से अभिमंत्रित जल पिलाया जाए तो वह शीघ्र स्वस्थ होता है।
5 घर परिवार में क्लेश हो रहा हो, भाई-बंधुओं से विवाद हो रहा हो तो इस मंत्र का प्रयोग लाभ देता है।
6 राज्य हाथ से जा रहा हो, धन का अभाव हो तो इस मंत्र का प्रयोग लाभ देता है।
7 महामृत्युंजय मंत्र का जाप दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से मुक्ति दिलाता है।

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