नवल वसंत नवल वृंदावन खेलत नवल गोवर्धनधारी ।


नवल वसंत नवल वृंदावन खेलत नवल गोवर्धनधारी ।
हलधर नवल नवल ब्रजबालक नवल नवल बनी गोकुल नारी ।।
नवल जमुनातट नवल विमलजल नौतन मंद सुगंध समीर ।
नवल कुसुम नव पल्लव साखा कुंजत नवल मधुप पिक कीर ।।
नव मृगमद नव अरगजा वंदन नौतन अगर सुनवल अबीर ।
नवचंदन नव हरद कुंकुमा छिरकत नवल परस्पर नीर ।।
नवलधेनु महुवरि बाजे,अनुपम भूषण नौतन चीर ।
नवलरूप नव कृष्णदास प्रभुको, नौतन जस गावत मुनि धीर ।।
सभी को बसंतोत्सव
की ख़ूब ख़ूब बधाई
बसंत-पंचमी
आज बसंत-पंचमी है…आज के दिन कामदेव का प्रादुर्भाव हुआ था …अतः इसे मदन-पंचमी भी कहा जाता है…

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *