प्यारी ……वृंदावन रज दीजे!!
अति भोरी मम प्राण लाड़ली,भोरी दासी पे रीझे!!
एक भरोसो एक आस अब ,, चरणन मे रख लीजे!!
प्यारी ……वृंदावन रज दीजे!!
श्रीवृंदावन कुँजन राखो, निज सेवा में कीजे!!
श्रीचरणन रज सेवु निशदिन ,, नूपुर घुँघरू कीजे!!
विरह आग हिय बाढे ज्यों विधि,, ऐसी रति मोही दीजे!!
प्यारी ……वृंदावन रज दीजे!!
श्री राधे राधे
दुखप्यारी ……वृंदावन रज दीजे!!ियारन को सुख वृंदावन ,, बृजभूमि रख लीजे!!