
भगवान के भाव 3
जो काम करते हुए भजन करते हैं। वे देखने वाले की दृष्टि में काम कर रहे हैं असल में वे
जो काम करते हुए भजन करते हैं। वे देखने वाले की दृष्टि में काम कर रहे हैं असल में वे
हमने जीवन में परम पिता परमात्मा के साथ सच्चा सम्बन्ध बनाना है क्योंकि जो हमारा जन्म जन्मानतर का सम्बन्धीं है।
अरे सांवरे तेरे खोए खोए से नैन दिल चीर जाते हैं सांवरे आज तुम्हारे चरणों में समा जाना चाहती हूं
हम भगवान का नाम जप कीर्तन करते हुए चिन्तन में अपना मन लगा देते हैं। भगवान का ध्यान धरते हुए
भक्त चार बजे उठता है उठते ही भगवान का चिन्तन मनन दिल ही दिल में करता है भक्त भगवान का
प्रभु से बात दिल की गहराई से की जाती है। आंखें आंसू तभी बहाती है। जब परमात्मा से सम्बंध बन
जय श्री राम भगवान की भक्ति से नाम जप से श्रद्धा उत्पन होगी श्रद्धा से विश्वास जागृत होगा भगवान को
मिलन की तङफ के बैगर आंसू छलकते नहीं। हर क्षण प्रभु मे खोना होता है। जितने भगवान पास में होंगे
भक्ति प्राप्त करने के लिए भगवान का बनना होता है। परमात्मा को पुकारते पुकारते समर्पण भाव जागृत हो जाता है।
जब तक “मै” है तब तक इच्छाएं हैं। ये शरीर मेरा मै भगवान का भक्त हू। भगवान् मेरे है। इन