भगवान सूर्य की उपासना
।। ॐ सूर्याय नमः ।। सूर्यदेव यानि कलयुग के एकमात्र दृश्यदेव, जिन्हें ग्रहों का राजा भी माना गया है। वहीं
।। ॐ सूर्याय नमः ।। सूर्यदेव यानि कलयुग के एकमात्र दृश्यदेव, जिन्हें ग्रहों का राजा भी माना गया है। वहीं
एक बार आश्रम में एक नया शिष्य आया, आश्रम के नियमानुसार उसे भी प्रतिदिन संध्या – उपासना करनी थी !
आज का प्रभु संकीर्तन।।कृष्ण एक सत्य है।जब हम कृष्ण के सत्यस्वरूप को समझने लगते है, तब हम संसार मे रहकर
उद्धवजी को समझ नहीं आ रहा था कि व्रज को याद करते ही प्रभुकी आँखे क्यों बह निकलती है।जीव जब
एक बार राधाजी कई दिनों तक कृष्णजी से नहीं मिली तो उनके वियोग में अर्धमूर्छित हो गई।सभी सखियो को पता
रनिवास में कानाफूसी….. राज्याभिषेक के समय वीरमदेवजी की आयु अड़तीस वर्ष थी। संवत् १५५३ में राणा रायमल की पुत्री और
दूदाजी लेट गये—’आपके रूपमें आज भगवान् पधारे हैं महाराज! यों तो सदा ही संतों को भगवत्स्वरूप समझकर जैसी बन पड़ी,
11मुखीहनुमानजी की पूजा से मिलते हैं कई लाभ, जानें किस मूर्ति से कौन सी मनोकामना होती है पूरी। 1. पूर्वमुखी
महामंडेस्वर महादेव जिनका मंदिर है देहरादून से128 km दूर लाखामंडल नामक स्थान पर– लाखामंडल नाम दो शब्दों से बना है,
क्या आज भी यहाँ रात्रि में रासलीला होती है? गीताप्रेस गोरखपुर में पूज्यश्रीहरि बाबा महाराज की एक डायरी रखी है