राम कथा सुख
राम कथा का असली सुख तो उन्हें ही मिलता हैं जिन्हें रामजी प्राण के समान परम प्रिय होते हैं। रामजी
राम कथा का असली सुख तो उन्हें ही मिलता हैं जिन्हें रामजी प्राण के समान परम प्रिय होते हैं। रामजी
राम नवमी का त्यौहार भारत के उन धार्मिक त्योहारो में से एक हैं जिसे हिन्दू समाज केर लोग बड़ी श्रद्धा
श्यामसुंदर श्री कृष्ण गले में वैजन्तीमाला पहनते हैं। क्यों ? यह माला पचरंगी है। पाँच इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करने
।। श्री: कृपा । पूज्य “सद्गुरुदेव जी ने कहा – अंतःकरण की परिशुद्धि में आहार शुचिता आवश्यक है। वस्तुत: वैचारिक
.जब गोकुल में भगवान् के जन्म का पता चला तो सारे ग्वाल -बाल नन्द बाबा के घर बधाईयाँ ले-लेकर आये..नन्द
दृश्यन्ते रथमारूढा देव्यः क्रोधसमाकुलाः।शंख चक्रं गदां शक्तिं हलं च मुसलायुधम्।।१३।। खेटकं तोमरं चैव परशुं पाशमेव च।कुन्तायुधं त्रिशूलं च शार्ङ्गमायुधमुत्तमम्।।१४।। दैत्यानां
नम: श्री गुरु चरणकमलेभ्यो नमः! ॐ श्री काशी विश्वनाथ विजयते सर्वविपदविमोक्षणम् नेह चात्यन्त संवास: कर्हिचित् केनचित् सह ।राजन् स्वेनापि देहेन
चैत्री नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं हिंदू धर्म में पुराणों का विशेष महत्व है। इन्हीं पुराणों में वर्णन है माता के
रा + धा=राधा‘रा’ से बीज मन्त्र ‘धा’ से धारणा की होती सिद्धि, और होती शुकदेव की समाधि अनायास है।मेरी रसना
सुदामा का स्नान भोजनादि सब हो चुका था, श्रीकृष्ण अब अपने इस सखा का प्रेम से हाथ पकडे वहाँ ले