[147]”श्रीचैतन्य–चरितावली”
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामनीलाचल में सनातन जी वृन्दावनात् पुन: प्राप्तं श्रीगौर: श्रीसनातनम्।देहपातादवन् स्नेहाच्छुद्धं चक्रे परीक्षया।। श्री
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामनीलाचल में सनातन जी वृन्दावनात् पुन: प्राप्तं श्रीगौर: श्रीसनातनम्।देहपातादवन् स्नेहाच्छुद्धं चक्रे परीक्षया।। श्री
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामप्रभु का पुरी में भक्तों से पुनर्मिलन अद्यास्मांक सफलमभवज्जन्म नेत्रे कृतार्थेसर्वस्ताप: सपदि वरितो
शिव महामन्त्र ॐ नम: शिवाय,ॐ नम: शिवाय, हरहर बोले नम: शिवाय।रामेश्वराय शिव रामेश्वराय,हरहर बोले नम: शिवाय।गंगाधराय शिव गंगाधराय,हरहर बोले नम: शिवाय।जटाधराय शिव जटाधराय,हरहर बोले नम: शिवाय।सोमेश्वराय शिव
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री सनातन वृन्दावन को और प्रभु पुरी को कालेन वृन्दावनकेलिवार्तालुप्तेति तां ख्यापयितुं विशिष्य।कृपामृतेनाभिषिषेच
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री प्रकाशानन्द जी का आत्मसमर्पण भ्रातस्तिष्ठ तले तले विटपिनां ग्रामेषु भिक्षामटस्वच्छन्दं पिब यामुनं
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामस्वामी प्रकाशानन्द जी मन से भक्त बने अद्वैतवीथीपथिकैरुपास्या:स्वानन्दसिंहासनलब्धदीक्षा:।हठेन केनापि वयं शठेनदासीकृता गोपवधूविटेन।। श्री
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री सनातन को शास्त्रीय शिक्षा अथ स्वस्थाय देवाय नित्याय हतपाप्मने।त्यक्तक्रमविभागाय चैतन्यज्योतिषे नमः।। महाप्रभु
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री सनातन का अदभूत वैराग्य शरीरं व्रणवद् बोध्यमन्नं च व्रणलेपनम्।व्रणशोधनवत् स्नानं वस्त्रं च
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री सनातन की कारागृह से मुक्ति और काशी में प्रभु-दर्शन छिद्रान्वेषणतत्परः प्रियसखि प्रायेण
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामरूप की विदाई और प्रभु का काशी-आगमन यः प्रागेव प्रियगुणगणैर्गाढबद्धोअपि मुक्तोगेहाध्यासाद् रस इव