भगवान (Bhagvan)

IMG WA

[64]”श्रीचैतन्य–चरितावली”

।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामजगाई-मधाई का उद्धार साधूनां दर्शनं पुण्‍यं तीर्थभूता हि साधव:।कालेन फलते तीर्थं सद्य: साधुसमागम:।।

Read More...
IMG WA

[62]”श्रीचैतन्य–चरितावली”

।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामघर-घर में हरिनाम का प्रचार हरेर्नाम हरेर्नाम हरेर्नाम केवलम् ।कलौ नास्‍त्‍येव नास्‍त्‍येव नास्‍त्‍येव

Read More...
IMG WA

[61]”श्रीचैतन्य–चरितावली”

।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामप्रेमोन्‍मत्त अवधूत का पादोदकपान वाग्भि: स्‍तुवंतो मनसा स्‍मरंत-स्‍तन्‍वा नमन्‍तोअप्‍यनिशं न तृप्‍ता:।भक्‍ता: स्‍त्रवन्‍नेत्रजला: समग्र-मायुर्हरेरेव

Read More...
IMG WA

[63]”श्रीचैतन्य–चरितावली”

।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामजगाई-मधाई की क्रूरता नित्यानन्द की उनके उद्धार के निमित्त प्रार्थना किं दु:सहं नु

Read More...
to bathe 2754903 6405847151105856283260

मन का सुमिरन

….सुबह-सुबह मन की भावनाओं में कृष्णा को लाकर ख्यालों में गोता लगाएं… हजारों गायों एवं ग्वाल बालों के बीच में

Read More...
IMG WA

[57]”श्रीचैतन्य–चरितावली”

।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामहरिदासजी द्वारा नाम-माहात्म्य हरिकीर्तनशीलो वा तद्भक्तानां प्रियोऽपि वा।शुश्रूषुर्वापि महतां स वन्द्योऽस्माभिरूत्तमः।। शोक और

Read More...
IMG WA

[58]”श्रीचैतन्य–चरितावली”

।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामसप्तप्रहरिया भाव दिवि सूर्यसहस्रस्य भवेद्युगपदुत्थिता।यदि भाः सदृशी सा स्याद्भासस्तस्य महात्मनः।। महाभारत के युद्धक्षेत्र

Read More...
IMG WA

[59]”श्रीचैतन्य–चरितावली”

।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामभक्तों को भगवान के दर्शन मल्लानामशनिर्नृणां नरवरः स्त्रीणां स्मरो मूर्तिमान्’गोपानां स्वजनोऽसतां क्षितिभुजां शास्ता

Read More...
IMG WA

[60]”श्रीचैतन्य–चरितावली”

।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामभगवद्भाव की समाप्ति अदृष्‍टपूर्वं हृषितोऽस्म्‍िा दृष्‍ट्वाभयेन च प्रव्‍यथितं मनो मे।तदेव मे दर्शय देवरूपं-प्रसीद

Read More...
IMG WA

[56]”श्रीचैतन्य–चरितावली”

।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामहरिदास की नाम-निष्ठा रामनाम जपतां कुतो भयंसर्वतापशमनैकभेषजम्।पश्य तात मम गात्रसन्निधौपावकोऽपि सलिलायतेऽधुना।। जप, तप,

Read More...