[11] “श्रीचैतन्य–चरितावली”
*।। श्रीहरि:।।* [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराम *प्रेम-प्रवाह* [11] अद्वैतं सुखदुःखयोरनुगतं
*।। श्रीहरि:।।* [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराम *प्रेम-प्रवाह* [11] अद्वैतं सुखदुःखयोरनुगतं
।। श्रीहरि:।।* [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराम *निमाई* तासामाविरभूच्छौरिः स्मयमानमुखाम्बुजः। पीताम्बरधरः
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराम भक्त-वन्दना प्रह्लादनारदपराशरपुण्डरीक- व्यासाम्बरीषशुकशौनकभीष्मदाल्भ्यान् । रूक्मांगदोद्धवविभीषणफाल्गुनादीन् पुण्यानिमान्परमभागवतान्नतोऽस्मि ।। जिन्होंने दैत्यकुल में जन्म लेकर
*।। श्रीहरि:।।* [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराम *गुरु-वन्दना* ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्ति
।। श्रीहरि:।।* [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराम *इष्ट-प्रार्थना* कदा वृन्दारण्ये विमलयमुनातीरपुलिने चरन्तं
।। श्रीहरि:।।* [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराम *मंगलाचरण* वंशीविभूषितकरान्नवनीरदाभात् पीताम्बरादरुणबिम्बफलाधरोष्ठात् । पूर्णेन्दुसुन्दरमुखादरविन्दनेत्रात्
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामबाल-लीला पंकाभिषिक्तसकलावयवं विलोक्यदामोदरं वदति कोपवशाद् यशोदा।त्वं सूकरोऽसि गतजन्मनि पूतनारे!इत्युक्तसस्मितमुखोऽवतु नो मुरारिः।। निमाई की
श्री निवासा गोविंदा श्री वेंकटेसा गोविंदा गोविंदा वैकुंठ वासा गोविंदाविमल नायका गोविंदा विमलाधीसा गोविंदा गोविंदा हरी गोविंदा वेंकटरमना गोविंदालक्ष्मी पति
.बात है प्रभु श्री कृष्ण के बाल्यकाल की। कन्हैया को माखन चोरी का बहुत शौक था।.सब गोप ग्वालो के साथ
एक गांव में गरीब ब्राह्मण था।।उसे अपनी कन्या का विवाह करना था।। उसने विचार किया कि राम कथा करने से