मैं सत्य शिव सुन्दर हूँ
मैं सर्वव्यापिक निराकार अनंत अकथनीय अद्धितीय अतुलनीय अवर्णनीय अभूतपूर्व अनुपम हूँ मैं वात्सल्य में हूँ भातृत्व में हूँ भक्ति में
मैं सर्वव्यापिक निराकार अनंत अकथनीय अद्धितीय अतुलनीय अवर्णनीय अभूतपूर्व अनुपम हूँ मैं वात्सल्य में हूँ भातृत्व में हूँ भक्ति में
एक बार एक संत ने अपने दो भक्तों को बुलाया और कहा आप को यहाँ से पचास कोस जाना है।
प्रहलाद ने भगवान से माँगा:- “हे प्रभु मैं यह माँगता हूँ कि मेरी माँगने की इच्छा ही ख़त्म हो जाए।”
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।। उस दिव्योन्माद अवस्था में
जब प्रीति होगी तब हर क्षण भगवान के भाव मे रहेंगे। कुछ भी कार्य करते हुए भगवान भाव में
महाभारत का दृष्टान्त है । एक बार भगवान श्रीकृष्ण पांडवो के बीच बातों ही बातों में कर्ण की दानवीरता और
एक बार भगवान दुविधा में पड़ गए! कि कोई भी मनुष्य जब मुसीबत में पड़ता है, तब मेरे पास भागा-भागा
कहते हैं कि भगवान कृष्ण की 16,108 पत्नियां थीं। क्या यह सही है? इस संबंध में कई कथाएं प्रचलित हैं
यहाँ प्रवेश करते ही आत्मा की सुप्त-बैटरी स्वत: ही चार्ज होने लगती है। सिग्नल मिलने लगते हैं; यदि यंत्र ठीक
कोई काम करते समय यह सोच लो कि मैं भगवान्का हूँ तो यह काम किस ढंगसे करूँ, आपके मनमें स्वतः