
जो देते लहू वतन को
जो देते लहू वतन को, जो महकाते उपवन को, उन्हें शत शत परनाम मेरे देश का, उनको सो सो सलाम
जो देते लहू वतन को, जो महकाते उपवन को, उन्हें शत शत परनाम मेरे देश का, उनको सो सो सलाम
हे वीर तुमहरा क्या मैं तारीफ कर सकता हु, तुझमे वो शक्ति है जो तूफ़ान खड़ा कर सकते, हे वीर
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन शांति का उन्नति का प्यार का चमन मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये
याहा अमन हो प्यार हो, खुशियों का संसार हो, यहाँ किरण में ले के आती है सूंदर सा सवेरा, वो
देश से है प्यार तो हरपल यह कहना चाहिए मैं रहूं या ना रहूं भारत ये रहना चाहिए देश से
मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती, मेरे देश की धरती.. बैलों के गले में जब घुंघरू जीवन
माना आज कठिन है राहे गम न कर तू प्यारे, भारत माँ के बचे है हम मुश्किल से ना हारे,
तर्ज – बहुत प्यार करते हैं ! तुमको सनम !! टेक – तिरंगा हमारा चूमे गगन ! झुकाने न देगें
हम करें राष्ट आराधना, तन से मन से धन से, तन मन धन जीवन से, हम करें राष्ट आराधना ॥
अंग्रेजो को मार भगाया झाँसी वाली रानी ने, अंग्रेजो से करी लड़ाई झाँसी वाली रानी ने, अंग्रेजो के सामने रानी